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पंछी पर शायरी | Birds Shayari

Birds Shayari Status Quotes Thoughts Poem in Hindi

पंछी पर शायरी | Birds Shayari

तेज बारिश हो रही थी,
इंसान को डर था अपने आशियाने का,
एक पंछी भी लड़ रहा था उस बारिश से
जब सवाल था उसके बच्चो के खाने का.


विश्वास पर ही हर रिश्ते बनायें जाते है,
पिंजरा खुलने पर तो पंछी भी उड़ जाते है.


कहाँ आजाद चिड़ियाँ की जिदंगी आसान होती है,
कभी बाज से तो कभी शिकारी के जाल से परेशान होती है.


पंखों से नहीं हौसलों से है उड़ान हमारी,
न जाने क्यों पिंजरों में कैद हो रही है अरमान हमारी।


पंछी शायरी हिंदी | Panchi Shayari Hindi

अगर आजदी का एहसास तुम्हें पता है,
तो किसी पंछी को कभी पिजरें में
मत रखना घर की शोभा बढ़ाने के लिए.


उड़ने से पहले पंछी आसमान की फितरत जान लेते है,
जब पंख थक जाते है तो वो अपने घोसलें में लौट आते है.


अब सुबह भी थकी सी और चुपचाप आती है,
शायद अब कोई पंछी गीत नहीं गुनगुनाती है.


शहर में तो गाड़ियों के चीखने की आवाज आती है,
पंक्षियों की चहचहाहट ना जाने सुबह-सुबह किधर खो जाती है


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