युद्ध शायरी | Yudh Shayari in Hindi

Yudh Shayari in Hindi – इंसान दिनों-दिन तरक्की कर रहा है. हर समस्या का हल निकाल रहा है. अगर भविष्य में युद्ध हुआ तो यही तरक्की और टेक्नोलॉजी इंसान को मारेगी और मानवता फिर हारेगी.
अगर पूरा इतिहास उठाकर देखा जाएँ तो युद्ध से किसी समस्या का हल नही निकला है. इससे जन और धन की हानि होती है. माँ की कोख सूनी हो जाती है. बच्चे अनाथ हो जाते है. बीबी विधवा हो जाती है. किसी का पूरा संसार लुट जाता है. आज के दौर में युद्ध तो नही हो रहा है लेकिन सीमा विवाद और आतंकवाद की वजह से कई वीर जवानों की जान जा चुकी है.
परन्तु कई बार ऐसा भी होता है कि शांति के लिए युद्ध करना पड़ता है। 22 अप्रैल, 2025 को पहलगाम में पाकिस्तान द्वारा समर्थित आतंकवादियों ने कायराना हमला किया जिसमें 25 भारतीय और 1 नेपाली पर्यटक की जान चली गई। इसके बाद भारतीय सेना ने पाकिस्तान के कई आतंकी ठिकानों को ध्वस्त किया। आतंकवाद को हराने के लिए युद्ध करने की जरूरत पड़े तो युद्ध भी सही है।
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Yudh Shayari in Hindi
मजहब को बदनाम कर के
कायरता की सारी हद पार करके
निर्दोषों पर वार किया,
बाजारों में चूड़ी मिलती होगी
पहनकर कहीं छिप जाओ
क्योंकि भारत की सेना ने
पाकिस्तान के आतंकी ठिकानों पर
तगड़ा प्रहार किया।
जय हिंदी
सच को ना समझ पाने वाले,
जन्नत की हूरों के खातिर जान गंवाने वाले,
आमने-सामने युद्ध करने से घबराने वाले,
अब किसी आतंकी को छोड़ा नहीं जाएगा
आतंकवाद को हथियार बनाकर,
अपनी कमजोरी छिपाने वाले।
जय हिन्द
इंसानियत बची रही,
उसे ना छोड़ा जाए,
पर आतंकवादियों को पकड़-पकड़ कर
अच्छे से तोड़ा जाएँ।
जय हिंदी
युद्ध शायरी
सबको लड़ने पड़े अपने-अपने युद्ध,
चाहे राजा राम हो या गौतम बुद्ध.
बुद्ध होने से पहले खुद को शुद्ध करना पड़ता है,
स्वयं के विरूद्ध ही इंसान को युद्ध करना पड़ता है.
उसने ही पूरी दुनिया को अपने कदमों में झुकाया है,
जिसने जिन्दगी के युद्ध में खुद पर विजय पाया है.
धरती माँ का कलेजा फट जाता है,
जब युद्ध में वीर जवान का सिर कट जाता है.
द्वंद कहां तक पाला जाए, युद्ध कहां तक टाला जाए,
तू वंशज है राणा प्रताप का, मार जहां तक भाला जाए.
Yudh Shayari Hindi
युद्धों में कभी नहीं हारें,
हम डरते है छलचंदो से
हर बार पराजय पाई है,
अपने घर के जयचंदो से.
युद्ध की संभावनाओं में जी रहे लोग सुनले,
युद्ध भी है, बुद्ध भी है, जिसे चाहे उसे चुनले.
युद्ध पर शायरी
युद्ध में जीत धर्म की हो या अर्धम की हो,
मगर हार हमेशा मानवता की ही होती है.
वीरों के लिए युद्ध अंतिम विकल्प होता है,
कायरों के लिए युद्ध प्रथम विकल्प होता है.
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