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प्रयागराज जहां हजारों युवा एक कमरे में बंद होकर दिन-रात मेहनत करते है और देश के विभिन्न सरकारी नौकरियों को प्राप्त करते है. यहां माँ गंगा, यमुना, सरस्वती का संगम है. जहाँ पर प्रति वर्ष माघ महीने में कुम्भ मेला लगता है. यहाँ की धरती को पवित्र माना जाता है. क्योंकि यहाँ ज्यादातर लोग अध्यात्म और ज्ञान की प्राप्ति के लिए आते है. प्रयागराज बड़ा ही अनूठा शहर है जहाँ का कुम्भ मेला देश-विदेश के पर्यटकों को भी आकर्षित करता है.
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Prayagraj Shayari in Hindi
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पावन धरती प्रयागराज की
जहाँ निर्मल संगम की धारा है
सच्चे मन से जिसने डुबकी लगाई
उसको माँ गंगा ने भव से तारा है।
वेद प्रकाश ‘वेदांत’
न्यारा है प्रयागराज
पावन इसकी धूल है
कुम्भ में आये यहाँ नहीं
तो जीवन की ये भूल है ।
वेद प्रकाश ‘वेदांत’
प्रयागराज की महिमा सुनिए
ऋषि मुनियों की वानी से
नर तो क्या पंक्षी तरते यहाँ
गंगा यमुना के पानी से ।।
वेद प्रकाश ‘वेदांत’
Prayagraj Status in Hindi
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इश्क़ में दिल को संभालना कहीं बर्बाद मत हो जाना,
वो प्रयागराज हो जाये और तुम इलाहाबाद मत हो जाना।
उसके इश्क़ में मेरा दिल इस कदर खो गया,
पता नहीं चला कब इलाहाबाद से प्रयागराज हो गया.
मैं तीर्थों का राजा और सत्कर्मों का आगाज हूँ,
जहाँ तन-मन पवित्र हो जाएँ मैं वो प्रयागराज हूँ.
Prayagraj Quotes in Hindi
पढ़ने आये प्रयागराज तो
कुछ बनकर ही जाओगे
अफसर न बन पाए ग़र
तो भी ज्ञानी कहलाओगे ।।
वेदप्रकाश ‘वेदांत’
ब्रह्मा जी ने प्रथम यज्ञ को
चुना धरती का यह भाग
विष्णु जी के सानिध्य में
अति पावन हुआ प्रयाग ।।
वेदप्रकाश ‘वेदांत’
पृष्ठों पर प्रयागराज की
महिमा अपरम्पार है
मातु सरस्वती गंगा यमुना
को बारम्बार प्रणाम है ।।
वेदप्रकाश ‘वेदांत’
प्रयागराज शायरी
विद्या ज्ञान और लेखन में
प्रयागराज अलबेला है
अध्यात्म यहाँ रचता बसता
लगता संतो का मेला है
सत्य का रक्षक न्यायालय है
पापनाशिनी गंगे माँ हैं
सच पूछो तो देवों की भूमि
ये दुनियाभर में अकेला है ।।
वेद प्रकाश वेदांत
पढवईया प्रयागराज के नहीं किसी से कम
कवि अफ़सर नेता बनने का रखते हैं ये दम
संघर्षो के समय भले माथे पर बोरी ढोते हैं
पर याद रहे आजीवन खुश ही रहते हैं हम ।
वेद प्रकाश वेदांत
प्रयाग राज शायरी
तुम पढ़ी प्रयागराज से
हम देहाती स्कूल से
तुम बनोगी अफसर तो
हम चपरासी बनेंगे भूल से ।।
वेद प्रकाश वेदांत
पावन है प्रयागराज
और पावन इसकी भूमी है
ऋषि मुनियों से आकाओं तक
ने धरती इसकी चूमी है
वो भी नतमस्तक है यहाँ
जिसने सारी दुनियाँ घूमी है ..।।
वेद प्रकाश वेदांत
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